WWW क्या है ? (वर्ल्ड वाइड वेब)

क्या आपने कभी सोचा है कि जब हम इंटरनेट पर साइट्स देखते हैं या सोशल मीडिया पर बिताते हैं, तो यह सब कैसे चलता है? जब हम किसी पेज पर क्लिक करते हैं और हमें तुरंत जानकारी प्राप्त होती है, तो इसके पीछे कौन सी तकनीक काम कर रही है?

इसका उत्तर है WWW अर्थात् वर्ल्ड वाइड वेब। यह एक ऐसा सिस्टम है, जो इंटरनेट पर सभी जानकारी को आसानी से हमें उपलब्ध करता है।

इस लेख में हम WWW के विषय में साधारण ढंग से चर्चा करेंगे और जानेंगे कि यह हमारे जीवन में किस प्रकार से उपयोगी है और इसके अस्तित्व में आने से हमारी ज़िंदगी में कौन से परिवर्तन आए हैं। 

WWW क्या है? 

WWW (World Wide Web) एक प्रणाली है, जो इंटरनेट पर जानकारी साझा करने और एक्सेस करने के लिए एक नेटवर्क के रूप में कार्य करती है। यह वेब पेजों, वेबसाइटों, और इंटरनेट आधारित सेवाओं का एक बड़ा नेटवर्क है, जिसे HTTP (HyperText Transfer Protocol) के माध्यम से ब्राउज़र द्वारा उपयोग किया जाता है।

WWW का उद्देश्य विभिन्न दस्तावेज़ों और मल्टीमीडिया सामग्री को आपस में लिंक करके उपयोगकर्ताओं को दुनिया भर की जानकारी तक पहुँच प्रदान करना है। इसे सामान्यतः “वेब” भी कहा जाता है, और यह इंटरनेट का एक अहम हिस्सा है, जो हमें वेबसाइटों, सोशल मीडिया, ईमेल, शॉपिंग, और अन्य ऑनलाइन सेवाओं का उपयोग करने की सुविधा प्रदान करता है।

सरल शब्दों में कहें तो यह एक प्रणाली है, जो इंटरनेट के जरिए यूज़र्स को जानकारी, डेटा और कंटेंट एक्सेस करने की सुविधा देती है। जब हम ब्राउज़र में कोई URL (जैसे www.google.com) टाइप करते हैं, तो हम उस वेबसाइट पर पहुँचते हैं जो WWW का हिस्सा होती है। 

WWW का इतिहास 

WWW (World Wide Web) का इतिहास बेहद रोचक है, और इसका विकास एक साधारण विचार से शुरू हुआ था, जो अब हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है।

इसकी शुरुआत 1989 में हुइ, जब एक ब्रिटिश वैज्ञानिक टिम बर्नर्स-ली ने इसका सिद्धांत प्रस्तुत किया। वे उस समय CERN (European Organization for Nuclear Research) में कार्यरत थे और उनका उद्देश्य था कि वैज्ञानिक और शोधकर्ता दुनिया भर में एक-दूसरे से जुड़े रहें और सरलता से जानकारी का आदान-प्रदान कर सकें। 

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वर्ल्ड वाइड वेब की शुरुआत 

टिम बर्नर्स-ली ने 1989 में एक विचार प्रस्तुत करने वाला दस्तावेज़ लिखा, जिसमें उन्होंने बताया कि एक ऐसा सिस्टम होना चाहिए, जो विभिन्न कंप्यूटरों को आपस में जोड़ सके और सूचनाओं का आदान-प्रदान कर सके। उन्होंने इसे “Information Management: A Proposal” शीर्षक से साझा किया। इसके बाद, 1990 में उन्होंने HTML (HyperText Markup Language), HTTP (HyperText Transfer Protocol) और URL (Uniform Resource Locator) जैसी तकनीकों का निर्माण किया, जो WWW के मूलभूत तत्व बने। 

WWW का प्रारंभिक Web Page

1991 में, टिम बर्नर्स-ली ने एक वेब पेज पेश किया, जिसे info.cern.ch नाम दिया गया। यह पेज CERN के नेटवर्क पर था और इसे विश्व के पहले वेब पेज का दर्जा प्राप्त है। इस पेज पर मूलभूत जानकारी उपलब्ध थी और यह प्रदर्शित करता था कि किस तरह एक वेब पेज तैयार किया जा सकता है। यह एक साधारण पेज था, जिसमें टेक्स्ट, लिंक और कुछ प्राथमिक संरचना शामिल थी। 

World Wide Web का विकास 

1991 के पश्चात, WWW का प्रयोग केवल वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं तक सीमित था। परंतु जैसे-जैसे इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या बढ़ी, WWW ने धीरे-धीरे आम जनता तक अपनी पहुंच बनाई। 1993 में, Mosaic, पहला ग्राफिकल वेब ब्राउज़र निकला, जिससे World Wide Web को अधिक लोकप्रियता हासिल हुई। इसके बाद, Netscape Navigator और Internet Explorer जैसे ब्राउज़र भी आए, जो इंटरनेट के उपयोग को और भी सरल और सुलभ बनाते थे। 

1990 के दशक की समाप्ति और 2000 का दशक 

1990 के दशक के अंत तक, WWW ने विश्वभर में अपनी पहचान बना ली थी। व्यवसायों, शैक्षणिक संस्थानों, सरकारी विभागों और व्यक्तिगत उपयोगकर्ताओं ने इसे ग्रहण किया और इसका उपयोग बढ़ने लगा। 1994 में, Amazon और eBay जैसी पहली ई-कॉमर्स कंपनियाँ WWW के माध्यम से अस्तित्व में आईं, जिसने व्यापार और खरीदारी के तरीके को बदल दिया।

इसके बाद, Google (1998), Facebook (2004), और YouTube (2005) जैसी चर्चित वेबसाइट्स और प्लेटफॉर्म्स ने इंटरनेट को और अधिक इंटरएक्टिव और सामाजिक बना दिया। आजकल, WWW के जरिए हम न केवल जानकारी प्राप्त करते हैं, बल्कि हम ऑनलाइन शॉपिंग, सोशल मीडिया, बैंकिंग, शिक्षा, और कई अन्य सेवाओं का भी उपयोग कर रहे हैं। 

WWW के मुख्य तत्व 

WWW (World Wide Web) के मुख्य तत्व वे हैं, जिनकी सहायता से यह प्रणाली कार्य करती है और हमें वेब पेजों और अन्य सेवाओं तक पहुंच प्रदान करती है। इन तत्वों के बिना WWW का होना संभव नहीं था। यहां हम WWW के मुख्य तत्वों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे: 

वेब ब्राउज़र (Web Browser) 

वेब ब्राउज़र एक ऐसा सॉफ़्टवेयर प्रोग्राम है, जिसे हम इंटरनेट पर वेबसाइटों को देखने के लिए इस्तेमाल करते हैं। वेब ब्राउज़र WWW के द्वारा उपलब्ध वेब पृष्ठों को दर्शाता है। कुछ प्रसिद्ध वेब ब्राउज़र हैं: 

  1. Google’s Chrome Browser 
  2. Mozilla Firefox 
  3. Safari 
  4. Microsoft Edge 

जब हम किसी वेबसाइट का URL (Uniform Resource Locator) ब्राउज़र में डालते हैं, तो ब्राउज़र HTTP प्रोटोकॉल के जरिए सर्वर से वेब पृष्ठ लेता है और हमें प्रदर्शित करता है। 

वेब सर्वर (Web Server) 

वेब सर्वर एक कंप्यूटर प्रणाली है, जो इंटरनेट पर वेबसाइटों और उनके वेब पेजों को संग्रहित करता है और ब्राउज़र के अनुरोध पर उन्हें वितरित करता है। जब आप किसी वेबसाइट पर जाते हैं, तो ब्राउज़र उस वेबसाइट के सर्वर से जानकारी प्राप्त करता है। वेब सर्वर वेबसाइट का मुख्य तत्व होता है, जहां वेब पृष्ठ और अन्य जानकारियाँ रखी जाती हैं। 

HTML (HyperText Markup Language) 

HTML एक मार्कअप भाषा है, जिसका उपयोग वेब पृष्ठों को बनाने और व्यवस्थित करने के लिए किया जाता है। यह वह भाषा है, जो वेब पृष्ठों पर टेक्स्ट, चित्र, लिंक, वीडियो और अन्य सामग्री को प्रदर्शित करने हेतु प्रयोग होती है। HTML टैग्स का उपयोग वेब पृष्ठों के विभिन्न हिस्सों को परिभाषित करने के लिए किया जाता है।

उदाहरण के लिए, <h1> टैग का उपयोग शीर्षक के लिए, <p> टैग का प्रयोग पैराग्राफ के लिए, और <img> टैग का उपयोग छवि को दिखाने के लिए किया जाता है। 

HTTP (HyperText Transfer Protocol) 

HTTP एक ऐसा प्रोटोकॉल है, जिसका उपयोग वेब ब्राउज़र और वेब सर्वर के बीच डेटा का आदान-प्रदान करने के लिए किया जाता है। जब आप किसी वेबसाइट पर पहुँचते हैं, तो आपका ब्राउज़र HTTP प्रोटोकॉल के माध्यम से सर्वर से वेब पेज की मांग करता है। यह उस वेब पेज को आपके ब्राउज़र में प्रदर्शित करता है।

HTTP एक “क्लाइंट-सेर्वर” मॉडल का अनुसरण करता है, जिसमें क्लाइंट (ब्राउज़र) सर्वर से वेब पेज का निवेदन करता है और सर्वर उसे प्रदान करता है। 

URL (Uniform Resource Locator) 

URL एक खास पता होता है, जिसके जरिए हम किसी वेबसाइट या वेब पेज तक पहुंच सकते हैं। यह वेब पेज की पहचान करता है और इसे इंटरनेट पर पहुंचने का तरीका देता है। उदाहरण के लिए, https://www.example.com एक URL है, जो एक खास वेब पेज या वेबसाइट का पता बताता है। URL का मुख्य उद्देश यह है कि हर वेब पेज का एक अनोखा स्थान हो, जिसे आसानी से पहचाना और एक्सेस किया जा सके। 

CSS (Cascading Style Sheets) 

CSS एक स्टाइल शीट भाषा है, जो HTML पृष्ठों के डिज़ाइन और रूप को प्रबंधित करती है। HTML सामग्री को व्यवस्थित करने के बाद, CSS का उपयोग पृष्ठ के रंग, फॉन्ट, लेआउट, और अन्य दृश्य विशेषताओं को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। CSS की अनुपस्थिति में, वेब पृष्ठ केवल कच्चे डेटा के रूप में नजर आते, जो उपयोगकर्ताओं के लिए आकर्षक और इंटरएक्टिव नहीं होते। 

JavaScript

JavaScript एक प्रोग्रामिंग भाषा है, जिसका उपयोग वेब पेजों को इंटरएक्टिव और डायनामिक बनाने के लिए किया जाता है। HTML और CSS के साथ मिलकर, JavaScript वेब पेजों पर इंटरएक्टिव फीचर्स जैसे बटन क्लिक करने पर बदलाव, सूचनाएँ प्रदर्शित करना, और फ़ॉर्म को वैलिडेट करना संभव बनाता है। इससे उपयोगकर्ता अनुभव में सुधार होता है और पेजों को स्टैटिक से डायनामिक में परिवर्तित करता है। 

Website Hosting Solutions 

वेब होस्टिंग सेवाएं ऐसी सेवाएं हैं, जो वेबसाइटों और वेब पेजों को इंटरनेट पर होस्टिंग के लिए उपलब्ध कराई जाती हैं। इन सेवाओं के माध्यम से आपकी वेबसाइट का समस्त डेटा और फाइलें वेब सर्वर पर संग्रहित होती हैं, जिससे उपयोगकर्ता उन्हें इंटरनेट के जरिए एक्सेस कर सकते हैं। कुछ प्रमुख वेब होस्टिंग कंपनियों में GoDaddy, Bluehost, और HostGator शामिल हैं। 

Search Engines

सर्च इंजन इंटरनेट पर जानकारी हासिल करने का एक महत्वपूर्ण उपकरण हैं। सर्च इंजन जैसे Google, Bing, और Yahoo हमें वेबसाइटों के बीच में जानकारी खोजने में सहायता करते हैं। जब हम किसी खास शब्द या वाक्य को खोजते हैं, तो सर्च इंजन हमें उन वेबसाइटों के लिंक पेश करता है, जो उस जानकारी से जुड़ी होती हैं। 

WWW का असर और महत्व

World Wide Web का हमारे जीवन में गहरा असर पड़ा है। पहले जहाँ जानकारी पाने के लिए हमें किताबों और पत्रिकाओं पर निर्भर रहना पड़ता था, अब WWW ने इसे पूरी तरह से परिवर्तित कर दिया है। इंटरनेट के जरिए हम किसी भी विषय पर तुरंत जानकारी हासिल कर सकते हैं। 

  1. सूचना तक तात्कालिक पहुँच: WWW ने जानकारी हासिल करने के तरीकों में पूरी तरह से परिवर्तन कर दिया है। अब हम अपने घर से ही विश्व भर की जानकारियाँ प्राप्त कर सकते हैं। 
  2. शिक्षा और ऑनलाइन पाठ्यक्रम: इंटरनेट की सहायता से आज हम घर से पढ़ाई कर सकते हैं। ऑनलाइन पाठ्यक्रम, ट्यूटोरियल, और शैक्षिक प्लेटफॉर्म ने शिक्षा में एक नया बदलाव किया है। 
  3. व्यापार और ई-कॉमर्स: WWW के जरिये व्यापार और खरीददारी ऑनलाइन हो रही है। Amazon, Flipkart, और eBay जैसी कंपनियां WWW के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापार कर रही हैं। 
  4. सोशल मीडिया: फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स ने WWW के माध्यम से लोगों को आपस में कनेक्ट करने का कार्य किया है। 
  5. सरकारी सेवाएँ: WWW ने सरकारी सेवाओं को ऑनलाइन उपलब्ध कराया है, जिससे नागरिकों को सरकारी योजनाओं, फॉर्म भरने और अन्य सेवाओं का लाभ उठाने में मदद मिल रही है। 

WWW के साथ जुड़ी समस्याएँ 

हालांकि World Wide Web ने हमारे जीवन को सरल बना दिया है, लेकिन इसके साथ कुछ कठिनाइयाँ भी उत्पन्न हुई हैं: 

  1. सुरक्षा जोखिम: ऑनलाइन निजी जानकारी का गलत उपयोग और डेटा चोरी एक गंभीर समस्या बन गई है। 
  2. फेक न्यूज और गलत सूचनाएँ: इंटरनेट पर गलत और भ्रमित करने वाली जानकारी का फैलाव भी एक महत्वपूर्ण समस्या है। 
  3. डिजिटल भेदभाव: इंटरनेट की उपलब्धता हर स्थान पर समान नहीं है, और अनेक विकासशील देशों में WWW की सम्पूर्ण पहुँच नहीं हो पाती है। 

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

WWW से आप क्या समझते हैं?

WWW (World Wide Web) एक प्रणाली है जो इंटरनेट पर जानकारी को साझा करने और एक्सेस करने का काम करती है, जिसमें वेबसाइटें, वेब पेज और अन्य इंटरनेट से संबंधित सेवाएं शामिल होती हैं। यह एक नेटवर्क बनाती है, जो ब्राउज़र और सर्वर के जरिए उपयोगकर्ताओं को सूचना प्राप्त करने में मदद करती है।

WWW का आविष्कार कब हुआ था?

WWW का निर्माण 1989 में किया गया था। इसे ब्रिटिश वैज्ञानिक टिम बर्नर्स-ली ने यूरोपीय परमाणु अनुसंधान संगठन (CERN) में कार्य करते समय तैयार किया था।

WWW की अवधारणा किसने दी थी?

WWW की परिकल्पना टिम बर्नर्स-ली ने की थी। उन्होंने सुझाव दिया था कि एक ऐसा नेटवर्क होना चाहिए, जो सम्पूर्ण विश्व के कंप्यूटरों को आपस में जोड़े और शोधकर्ताओं के बीच जानकारी का आदान-प्रदान सुगम करे।

WWW का मुख्य उपयोग क्या है?

WWW का प्रमुख उपयोग इंटरनेट पर जानकारी प्राप्त करने, वेबसाइटों तक पहुँच बनाने, ऑनलाइन खरीददारी, सोशल मीडिया के इस्तेमाल, और शिक्षा, व्यापार, मनोरंजन आदि से संबंधित सेवाओं का लाभ उठाने के लिए किया जाता है। यह वेब पृष्ठों के माध्यम से डेटा साझा करने और ट्रांसफर करने का मुख्य मंच है।

निष्कर्ष

विश्व व्यापी जाल (WWW) ने पिछले 30 वर्षों में अपने अस्तित्व के दौरान दुनिया में कई परिवर्तन लाए हैं। यह इंटरनेट की वह प्रणाली है, जो हमें वेबसाइटों, वेब पृष्ठों और अन्य ऑनलाइन सेवाओं तक पहुंचने की सुविधा देती है।

WWW के मुख्य घटक जैसे वेब ब्राउजर, वेब सर्वर, HTML, HTTP, CSS, और JavaScript मिलकर इंटरनेट को एक सशक्त और उपयोगी प्लेटफॉर्म बनाते हैं। WWW ने न केवल जानकारी प्राप्त करने के तरीकों को सरल बनाया है, बल्कि शिक्षा, व्यापार, संचार, और मनोरंजन के क्षेत्रों में भी अभूतपूर्व बदलाव लाए हैं। इसके विकास ने हमारी दुनिया को एक वैश्विक गांव में बदल दिया है, जहाँ हम एक क्लिक से सभी से जुड़ सकते हैं।

हालाँकि, इसके साथ कुछ चुनौतियाँ भी हैं, जैसे साइबर सुरक्षा और गलत सूचनाओं का फैलाव, फिर भी WWW का महत्व और प्रभाव आज भी अद्वितीय है। यह तकनीकी क्रांति निरंतर आगे बढ़ रही है और भविष्य में इसके और भी व्यापक प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। 

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