कंप्यूटर नेटवर्किंग की दुनिया में हब (Hub) एक ऐसा डिवाइस है जो एक ही नेटवर्क में मौजूद कई कंप्यूटर या अन्य नेटवर्क डिवाइस को आपस में जोड़ने का काम करता है। इसे एक नेटवर्किंग डिवाइस माना जाता है जो डेटा को एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस तक पहुँचाने का माध्यम बनता है।
सरल भाषा में कहें तो, हब एक केंद्र बिंदु (central point) की तरह काम करता है जहाँ सभी डिवाइस आपस में जुड़े होते हैं। जब किसी एक कंप्यूटर से डेटा भेजा जाता है, तो हब उस डेटा को बिना किसी फिल्टरिंग के सभी जुड़े हुए डिवाइस तक पहुँचा देता है। इसी वजह से इसे कभी-कभी “बेवकूफ़ डिवाइस” (dumb device) भी कहा जाता है क्योंकि यह यह नहीं समझता कि डेटा किसके लिए है, वह बस सबको भेज देता है।
हब कैसे काम करता है? (How Hub Works in Hindi)
जब नेटवर्क में कोई डिवाइस, जैसे कि कंप्यूटर, कोई डेटा भेजता है, तो वह डेटा सबसे पहले हब तक पहुँचता है। अब हब क्या करता है? यह बिना किसी एड्रेसिंग या चेकिंग के उस डेटा को अपने से जुड़े सभी डिवाइस को भेज देता है — चाहे वह डेटा किसी एक डिवाइस के लिए ही क्यों न हो।
इस प्रक्रिया को broadcasting कहा जाता है।
उदाहरण के लिए: अगर एक हब से 4 कंप्यूटर जुड़े हैं, और कंप्यूटर A कंप्यूटर C को डेटा भेजता है, तो हब वह डेटा कंप्यूटर B, C और D — सभी को भेजेगा। हालांकि, केवल कंप्यूटर C ही उस डेटा को स्वीकार करेगा, बाकी कंप्यूटर उसे अनदेखा कर देंगे।
मुख्य कार्य प्रणाली:
- कोई भी डेटा आने पर हब उसे सभी पोर्ट्स पर भेजता है।
- यह डेटा को न पढ़ता है, न ही उसमें कोई बदलाव करता है।
- इसकी वजह से नेटवर्क में data collision की संभावना बढ़ जाती है।
हब कितने प्रकार के होते हैं? (Types of Hub in Hindi)
नेटवर्किंग में हब मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं, जिनका उपयोग उनके काम करने के तरीके और नेटवर्क की जरूरतों के अनुसार किया जाता है:
1. पासिव हब (Passive Hub)
पासिव हब सबसे बेसिक प्रकार का हब होता है। यह सिर्फ नेटवर्क डिवाइसों को जोड़ने का काम करता है लेकिन खुद कोई सिग्नल को बढ़ाता या प्रोसेस नहीं करता।
- यह डेटा को बिना बदलाव के केवल पास करता है।
- इसमें कोई सिग्नल एम्प्लीफिकेशन (signal boosting) नहीं होता।
- यह नेटवर्क में केवल कनेक्शन पॉइंट की तरह काम करता है।
2. एक्टिव हब (Active Hub)
एक्टिव हब पासिव हब से थोड़ा ज्यादा स्मार्ट होता है। यह डेटा सिग्नल को न केवल पास करता है, बल्कि उसे बूस्ट (amplify) भी करता है ताकि वह लंबी दूरी तक ट्रैवल कर सके।
- सिग्नल को मजबूत करने के लिए पावर सप्लाई की जरूरत होती है।
- नेटवर्क की परफॉर्मेंस और कवरेज बेहतर होती है।
- डेटा लॉस की संभावना कम हो जाती है।
3. इंटेलिजेंट हब (Intelligent Hub)
इसे स्मार्ट हब भी कहा जाता है क्योंकि इसमें कुछ एडवांस फीचर्स होते हैं, जैसे मॉनिटरिंग, डायग्नोस्टिक और नेटवर्क मैनेजमेंट टूल्स।
- यह नेटवर्क ट्रैफिक को मॉनिटर कर सकता है।
- नेटवर्क से जुड़ी समस्याओं की पहचान में मदद करता है।
- बड़े नेटवर्क्स में इसका उपयोग अधिक होता है।
हब और स्विच में अंतर (Difference Between Hub and Switch in Hindi)
बिंदु | हब (Hub) | स्विच (Switch) |
परिभाषा | हब एक बेसिक नेटवर्क डिवाइस है जो डेटा को सभी डिवाइसों तक ब्रॉडकास्ट करता है। | स्विच एक स्मार्ट डिवाइस है जो डेटा को सिर्फ उस डिवाइस तक भेजता है जिसके लिए वह डेटा होता है। |
डेटा ट्रांसमिशन | डेटा को हर कनेक्टेड डिवाइस को भेजता है, चाहे जरूरत हो या नहीं। | डेटा को केवल टार्गेट डिवाइस तक भेजता है। |
स्पीड और प्रदर्शन | स्लो और नेटवर्क ट्रैफिक बढ़ा सकता है। | तेज़ और बेहतर प्रदर्शन देता है। |
नेटवर्क ट्रैफिक | ज्यादा ट्रैफिक और कोलिज़न की संभावना रहती है। | कम ट्रैफिक और कोलिज़न को रोकता है। |
सुरक्षा | कम सुरक्षा, क्योंकि डेटा हर जगह भेजा जाता है। | बेहतर सुरक्षा, डेटा केवल संबंधित डिवाइस को ही भेजा जाता है। |
लेयर (OSI मॉडल) | फिजिकल लेयर पर काम करता है। | डाटा लिंक लेयर पर काम करता है। |
हब कैसे काम करता है? (How Hub Works in Hindi)
जब भी नेटवर्क में किसी एक डिवाइस से कोई डेटा सेंड किया जाता है, तो हब उस डेटा को सभी कनेक्टेड डिवाइसेज़ तक भेज देता है, बिना यह जांचे कि असली रिसीवर कौन है। इसे हम ब्रॉडकास्ट ट्रांसमिशन कहते हैं।
आइए इसे एक आसान उदाहरण से समझते हैं:
मान लीजिए एक हब से 4 कंप्यूटर जुड़े हुए हैं – A, B, C और D। अब अगर कंप्यूटर A कोई डेटा B को भेजता है, तो हब वह डेटा A से लेकर B, C और D तीनों को भेज देगा। हालांकि केवल B ही उस डेटा को प्रोसेस करेगा, बाकी डिवाइस उसे अनदेखा कर देंगे। लेकिन फिर भी यह तरीका नेटवर्क ट्रैफिक को बढ़ा देता है।
महत्वपूर्ण बातें:
- हब को यह पता नहीं होता कि किस डिवाइस को डेटा भेजना है।
- यह सिर्फ एक सिग्नल बूस्टर की तरह काम करता है – डेटा को सब जगह फॉरवर्ड कर देता है।
- इससे नेटवर्क स्लो हो सकता है, खासकर जब ज्यादा डिवाइस जुड़े हों।
नेटवर्किंग में हब की भूमिका (Role of Hub in Networking)
नेटवर्किंग की दुनिया में हब एक बेसिक लेकिन महत्वपूर्ण डिवाइस है, जो नेटवर्क में मौजूद कई कंप्यूटरों या डिवाइसेज़ को आपस में जोड़ने का काम करता है। इसे आप एक “केंद्रीय कनेक्शन पॉइंट” की तरह समझ सकते हैं।
हब क्या करता है?
जब एक डिवाइस (जैसे कंप्यूटर) कोई डेटा भेजता है, तो हब उस डेटा को सभी अन्य कनेक्टेड डिवाइसेज़ को एक साथ भेज देता है। यानी हब डेटा को फिल्टर या डाइरेक्ट नहीं करता बल्कि सभी पोर्ट्स पर एक जैसा डेटा ट्रांसमिट करता है।
उदाहरण के लिए:
मान लीजिए एक नेटवर्क में 4 कंप्यूटर हैं और सभी एक हब से जुड़े हैं। अगर कंप्यूटर A कोई फाइल भेजता है, तो हब उसे B, C और D—तीनों को भेज देगा, चाहे वह फाइल सिर्फ B के लिए ही क्यों न हो।
भूमिका का सार:
- हब नेटवर्क में डेटा शेयर करने का एक आसान तरीका देता है
- छोटे नेटवर्क के लिए सस्ता और आसान समाधान है
- नेटवर्क की शुरुआती संरचना में हब एक अच्छा विकल्प होता है
क्या हब OSI मॉडल से जुड़ा है? अगर हाँ, तो किस लेयर पर काम करता है?
हाँ, हब OSI मॉडल से जुड़ा होता है और यह मॉडल की पहली लेयर यानी फिजिकल लेयर (Physical Layer) पर काम करता है। हब का मुख्य कार्य केवल डेटा को एक डिवाइस से लेकर बाकी सभी कनेक्टेड डिवाइसेज़ तक पहुंचाना होता है।
यह किसी भी प्रकार का डेटा प्रोसेसिंग, एड्रेसिंग या निर्णय नहीं लेता कि डेटा किस डिवाइस को भेजा जाए। हब केवल इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल्स को ट्रांसमिट करता है, जिससे यह पूरी तरह से फिजिकल लेयर डिवाइस माना जाता है। इसलिए नेटवर्किंग में इसे एक बेसिक और सिंपल डिवाइस के रूप में जाना जाता है जो केवल कनेक्टिविटी का काम करता है।
निष्कर्ष
अब तक आपने जाना कि हब क्या होता है, यह कैसे काम करता है, इसके प्रकार क्या हैं और नेटवर्किंग में इसकी क्या भूमिका होती है।
हब को एक बेसिक नेटवर्किंग डिवाइस माना जाता है, जो डेटा को एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर तक पहुँचाने में मदद करता है, लेकिन यह स्मार्ट तरीके से काम नहीं करता। यही वजह है कि आधुनिक नेटवर्किंग में हब की जगह अब स्विच और राउटर जैसे एडवांस डिवाइस ले चुके हैं।
फिर भी, छोटी और सस्ती नेटवर्किंग जरूरतों के लिए हब आज भी उपयोग में लाया जाता है, खासकर वहाँ जहाँ नेटवर्क सिक्योरिटी या डेटा मैनेजमेंट की बहुत ज़्यादा ज़रूरत नहीं होती।
तो अब आप बताइए – क्या आपको लगता है कि हब का उपयोग आज के आधुनिक नेटवर्क में किया जाना चाहिए या इसकी जगह नई तकनीकों को अपनाना बेहतर होगा?
FAQs
हब कितने प्रकार के होते हैं?
हब मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं –
पैसिव हब (Passive Hub) – यह सिर्फ नेटवर्क में डिवाइस को कनेक्ट करने का काम करता है और सिग्नल को बिना किसी बदलाव के पास करता है।
एक्टिव हब (Active Hub) – यह सिग्नल को amplify यानी मजबूत करता है, ताकि वह लंबी दूरी तक सही तरीके से पहुँच सके।
इंटेलिजेंट हब (Intelligent Hub) – इसमें मैनेजमेंट और मॉनिटरिंग की सुविधा होती है, जिससे नेटवर्क ट्रैफिक को नियंत्रित किया जा सकता है।
हब का हिंदी में क्या मतलब होता है?
हब का हिंदी में मतलब “केंद्र” या “मुख्य केंद्र” होता है। कंप्यूटर नेटवर्किंग में हब एक ऐसा डिवाइस है जो कई डिवाइसों को आपस में जोड़कर नेटवर्क का केंद्र बिंदु बनाता है।